साइबर अपराध के इतने प्रकार जिनसे जालसाज बनाते हैं आपको शिकार

आज के समय में सामने आ रहे साइबर अपराध के मामलों में देखा गया कि ठग पासवर्ड क्रैकिंग, स्पैमिंग, सेक्सटार्शन और फिशिंग जैसे तरीकों को धड़ल्ले से इस्तेमाल में ला रहे हैं।

साइबर अपराध के इतने प्रकार जिनसे जालसाज बनाते हैं आपको शिकार

देश में हर रोज साइबर धोखाधड़ी से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं। इन सबमें जालसाज साइबर अपराध के अनेक तरीकों को इस्तेमाल करते हैं, जिनसे अधिकतर लोग अनजान हैं। ठगी को अंजाम देने वाले मामलों में देखा गया है कि अपराधी उन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जो केवल टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही समझ सकता है।

ऐसे में आपको आज आसान भाषा में बताएंगे किन मुख्य तरीकों से जालसाज ठगी को अंजाम देते हैं। क्योंकि, साइबर अपराधी एक गलती या लापरवाही का फायदा उठाकर आपकी जमापूंजी पर डाका डाल रहे हैं। वहीं, सरकार भी इसे रोकने में बहुत हद तक सक्षम नहीं हो पाई है।

Spamming: साइबर अपराध की इस प्रक्रिया में अक्सर जालसाज किसी व्यक्ति के ई-मेल पर सहमति के बिना लुभावने स्पैम मेल भेजते हैं। इस मेल में कई तरह की लिंक्स होती हैं, जिन पर क्लिक करने से आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन का नियंत्रण उनके हाथों में चला जाता है। फिर वह बैंक खाते सहित कई निजी जानकारियां हासिल कर आपको चपत लगा देते हैं।

Cyber Stalking: साइबर अपराधी इस प्रक्रिया में निशाने पर लिए गए व्यक्ति से अश्लील बातें कर या चैटिंग के माध्यम से झांसे में ले लेता है। फिर रिकॉर्ड की गई बातचीत व चैट्स के नाम पर व्यक्ति को ब्लैकमेल कर बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर लेता और लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए ऐसे संदिग्ध लोगों से बातचीत करने से बचें और निजी जानकारी साझा न करें।

Email Spoofing: साइबर जगत में ई-मेल स्पूफिंग को फिशिंग का हिस्सा मानते हैं और आसान भाषा में इसे चकमा देना कहा जाता है। इसमें जालसाज जानबूझकर ई-मेल के कुछ भाग को बदल देता है, मानो कि यह किसी और द्वारा लिखा गया था। कई बार इन मेल में लुभावनी बातों के साथ फर्जी और असुरक्षित वेबसाइट्स के लिंक्स भी डाले जाते हैं, जिनका मकसद केवल आपकी गोपनीय जानकारी हासिल करना होता है।

Password Cracking: साइबर जगत में इस तरह के अपराध काफी गंभीर माने जाते हैं। इनमें साइबर अपराधी बार-बार पासवर्ड बदलकर मेल या नेट बैंकिंग खाते को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करते हैं। ऐसे में साइबर विशेषज्ञ मानते हैं कि लोगों को हर जगह अलग-अलग और काफी मजबूत पैटर्न वाला पासवर्ड रखना चाहिए। पासवर्ड क्रैकिंग से बचने के लिए कई लोग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी करते हैं।

Phishing: जालसाजी की यह तरीका काफी एडवांस माना जाता है जो कि अपराधियों के लिए अधिकतर कामयाबी भरा होता है। इस प्रक्रिया में कोई भी साइबर अपराधी निशाने पर लिए गए व्यक्ति को कई सारे ई-मेल भेज कर झांसे में लेने का प्रयास करता है। फिर व्यक्ति को बहकाकर उनसे बैंक खाते, नेट बैंकिंग पासवर्ड या पिन नंबर पा लेता है और खाते से धन निकासी कर लेता है। ऐसे में संदिग्ध मेलों से सावधान रहना ही बचाव का एकमात्र तरीका है।

Hacking: कंप्यूटर प्रणाली और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हैकिंग का नाम खासा चर्चित है। इसमें जब कोई भी यूजर अनाधिकृत तरीके से किसी के कंप्यूटर सुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसे हैकिंग का नाम दिया जाता है। कई बार बड़े पैमाने पर हुई जालसाजी के मामलों में साइबर अपराधियों ने हैकिंग जैसी प्रक्रिया का प्रयोग किया है। इसमें कोई भी जालसाज, व्यक्ति के कंप्यूटर सिस्टम को अपने कंट्रोल में करके धोखाधड़ी को अंजाम देता है।

Sextortion: आज के समय में जालसाजों का यह तरीका सबसे ज्यादा प्रचलन में हैं। इसमें साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को अनजान नंबर से वीडियो कॉल करता है। जैसे ही कोई यूजर इस कॉल को उठाता है तो सामने स्क्रीन पर कुछ आपत्तिजनक दृश्य दिखाई देते हैं। फिर अपराधी आपको इस बातचीत के कुछ स्क्रीन शॉट भेजकर पैसे मांगते हैं और विरोध करने पर फोटो वायरल करने की धमकी देते हैं। ऐसे में किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल को पहले उठाने से बचें और अगर उठा भी रहे हैं तो कैमरे पर उंगली रखकर ही कॉल रिसीव करें।